मोहभंग नहीं, उच्छ्वास है ये जलती गंगा की प्यास है ये !
मोहभंग नहीं, उच्छ्वास है ये जलती गंगा की प्यास है ये ! रौद्र रूप है प्रकृति का, पापी मनुष्यों का...
मोहभंग नहीं, उच्छ्वास है ये जलती गंगा की प्यास है ये ! रौद्र रूप है प्रकृति का, पापी मनुष्यों का...
क्यों रुकूँ मैं, क्यों झुकूं मैं इस बेरहम संसार से ! जो है पाया, है जो खोना सब नियति का...
शहीदों की आत्मा है पुकार रही, हे! राष्ट्रदेव अब मौन भंग करो । कब तक लाशें गिनवाओगे ! क्या जीवन...
रक्त पिपासु बन बैठा जग, भौतिक सुख पाने को ! है संकीर्णता नस-नस में घुल चुकी, भाई, भाई का प्राण...
मौन रहूँ या फिर रो लूँ, आकण्ठ शोक है भर आया ! कीमत इतनी है गिर चुकी जीवन की, क्षण...
बिहार की जनता हैं हम, USA या HongKong की नहीं ! हिम्मत नहीं है हममें, अन्याय के विरुद्ध खड़े होने...
दीन प्रजा, संतप्त हृदय से जब आवाज लगाती है ! भाव विह्वल हो, जननायक तब देव स्वरूप उभरते हैं !!...
मेरे भी कई ख्वाब थे अक्ल थी,जवाब थे जिंदगी से आस थी ! उमंग था उन्नति का, कुचल गया जो...