उम्मीद बिखरी पड़ी थी, नाव भी टूटी पड़ी थी,
पर तूफान भी कुछ नही बिगाड़ पाया उसका, क्योंकि सिर पर श्याम की मोर छड़ी थी।
|| जय खाटू वाले की ||
उम्मीद बिखरी पड़ी थी, नाव भी टूटी पड़ी थी,
पर तूफान भी कुछ नही बिगाड़ पाया उसका, क्योंकि सिर पर श्याम की मोर छड़ी थी।
|| जय खाटू वाले की ||