Maut ko mai

मौत को मैं मुठ्ठी में रखता हुँ,
मेरे हर सास को सावधान रखता हुँ।
अरे ! कोई मेरे अरमानों की होली क्या करेगा
महाकाल का भक्त हुँ,
दिल में सुलगता समशान रखता हुँ।