Tam ki ghataye chhat chuki dekho naya sabera hai

तम की घटाएँ छँट चुकी, देखो नया सबेरा है,
चिड़िया चहके, बयार भी महके, किरणों का बसेरा है।
उठ जाग मुसाफिर देर हुई, उम्मीदों ने तुम्हे घेरा है,
सपने पूरे कर लो अपने, कहता ये बसेरा है।
सुप्रभात।