Madhuvan me bhale
मधुवन में भले ही कान्हा किसी गोपी से मिले, मन में तो राधा के ही प्रेम के हैं फूल खिले।
मधुवन में भले ही कान्हा किसी गोपी से मिले, मन में तो राधा के ही प्रेम के हैं फूल खिले।
चारों तरफ फैल रही हैं, इनके प्यार की खुशबू थोड़ी-थोड़ी कितनी प्यारी लग रही हैं, साँवरे-गोरी की यह जोड़ी।।
सांवरे तेरी मोहब्बत को, नया अंजाम देने की तैयारी हैं, कल तक मीरा दीवानी थी, आज मेरी बारी हैं।
हे कान्हा, तुम्हे पाना जरूरी तो नहीं, तुम्हारा हो जाना ही काफी हैं मेरे लिए।
पर्दा ना कर पुजारी दिखने दे राधा प्यारी , मेरे पास वक्त कम हैं, और बाते हैं ढेर सारी।
राधा-राधा जपने से हो जाएगा तेरा उद्धार, क्योंकि यही वही वो नाम हैं जिससे कृष्ण को हैं प्यार।
बहुत खूबसूरत हैं मेरे ख्यालों की दुनिया, बस कृष्ण से शुरू और कृष्ण पर ही खत्म।
कितने सुंदर नैन तेरे ओ राधा प्यारी, इन नैनों में खो गये मेरे बांकेबिहारी।