Kanha tujhe khawabo me
कान्हा तुझे ख्वाबों में पाकर दिल खो ही जाता हैं खुदको जितना भी रोक लू, प्यार हो ही जाता हैं।
कान्हा तुझे ख्वाबों में पाकर दिल खो ही जाता हैं खुदको जितना भी रोक लू, प्यार हो ही जाता हैं।
कृष्ण की प्रेम बाँसुरिया सुन भई वो प्रेम दिवानी, जब-जब कान्हा मुरली बजाएँ दौड़ी आये राधा रानी।
कान्हा को राधा ने प्यार का पैगाम लिखा, पुरे खत में सिर्फ कान्हा कान्हा नाम लिखा।
यदि प्रेम का मतलब सिर्फ पा लेना होता, तो हर हृदय में राधा-कृष्ण का नाम नही होता।