संगे मरमर की तू बात ना कर मुझसे, मैं अगर चाहूँ तो एहसास-ऐ-मोहब्बत लिखदु,
ताज महल भी झूख जाएगा चूमने के लिए, मैं जो एक पथ्थर पे राम नाम लिखदु।।
संगे मरमर की तू बात ना कर मुझसे, मैं अगर चाहूँ तो एहसास-ऐ-मोहब्बत लिखदु,
ताज महल भी झूख जाएगा चूमने के लिए, मैं जो एक पथ्थर पे राम नाम लिखदु।।