इक दिन विच इक वारा सानु वि जमाना वेखेगा बस भलाई दी आदत नु छुट जाने दे
लहू विच उबाल अजे वि खानदानी है.. दुनियां साडी शौका दी दीवानी नही, एटीत्युड दी दीवानी है
मुझे मुसकुरात देख खुश न होणा मेनू में झूठी मुस्कान दा हुनर भी है
गुस्ताखी गलती हो सकदी .. पर कित्ता कड़े कसूर नहीं.. इधर सुनके उधर लौना .. अपना यह दस्तूर नहीं
इस दिल विच दर्द बथेरे ने कदे वेहले बहके दसंगे जिस दिन तू कल्ली रहेंगी रोवंगे नाल हसेंगे
जाट का स्वैग तो पूरा जबरदस्त है, जाट तेरे पे मरता है, बेबी ये तेरा #वहम है…!!