मानव हूँ मैं मुझ से गहरा कुछ नहीं, Inspirational Quotes

मानव हूँ मैं मुझ से गहरा कुछ नहीं, Inspirational Quotes

मानव हूँ मैं मुझ से गहरा कुछ नहीं, Inspirational Quotes

रोने न दिया मैने,
अपने आपको ही दुलार दिया …
जब जमाने ने ठुकराया,
तो मैने खुद को प्यार दिया …

फिर से उगने के लिए ही,
डूब जाता है सूरज हर रोज़ …
वक्त बदलेगा मेरा भी,
हारने पर मैंने मुझको ये ऐतबार दिया …

मानव हूँ मैं मुझ से गहरा कुछ नहीं,
न सागर न लंबी नदी है कोई मुझ सी …
क्या हुआ कि अभी राम ने,
मुझे भंवर में उतार दिया …

बड़े से बड़ा योद्धा टूटता है,
बड़ी जीत से पहले एक बार …
मेरी नाकामयाबियों ने मुझे,
राम में विश्वास और गीता का सार दिया …

मेरी सोच पर जम गए थे,
जाले बहुत से निराशा के …
मेहरबान हुआ मेरा राम मुझ पर हर बार,
मैं टूटा तो उसने मुझे झाड़ू लेकर बुहार दिया॥