ज्ञान, गुण, बल और भक्ति अगर सरलता से एक जगह रह सकते हैं, तो ऐसे प्राणी साधु जगत में हनुमान कहलाते हैं।
सुबह-सुबह ले हनुमान जी का नाम, सिद्ध करेंगे तुम्हारे सब काम।
ना स्वर हैं, ना सरगम हैं, ना लय न तराना हैं बजरंग के चरणो में एक फूल चढ़ाना हैं।
भक्ति का धाम, हनुमान जी जिनका नाम जपो राम राम, खुश होते हनुमान।
लाल देह लाली लसे, अरु धारी लाल लंगूर वज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सूर।
सालासर की बात हो, भजन मंडली साथ हो डरने की कोई बात नहीं, जब स्वामी खुद रघुनाथ हो।
दुःख और कष्टों का नाश होता हैं, जिसके हृदय में हनुमान जी का वास होता हैं।
झूम उठा दिल देख नजारा, सालासर धाम का, झंडा था श्रीराम का, डंका था हनुमान का।