जोड़ों के दर्द, आर्थराइटिस का असरकारक उपचार, Joint Pain, Effective Treatment of Arthritis

जोड़ों के दर्द, आर्थराइटिस का असरकारक उपचार, Joint Pain, Effective Treatment of Arthritis
जोड़ों का दर्द जिसे मेडिकल की भाषा में आर्थराइटिस भी कहा जाता है, वह बीमारी होती है जिसमे दो हड्डियों के जोड़ पर दर्द होता है।घरेलू चिकित्सा द्वारा जोड़ों के दर्द को काफी हद तक दूर किया जा सकता है और अगर नियमित रूप से इन्हें अपनाया जाए तो इस दर्द को दूर भी किया जा सकता है।
जोड़ों के दर्द को दूर करने के असरकारक उपचार

नियमित तेल मालिश जोडो के दर्द वाली जगह पर गहराई से की गयी तेल की मालिश भी दर्द से छुटकारा पाने में एक असरदार तरीका है। जोड़ों के दर्द के लिए कामधेनु वातानिल तेल, अथवा कामधेनु महानारायण तेल से लगातार 20 मिनिट तक की गयी मालिश ऊतकों में रक्तसंचार को बढ़ा देता है और दर्द और सूजन को दूर करता है। वातानिल तैल जोडो के दर्द में संजीवनी का काम करता हैं। इस तेल की मालिश आप दिन में दो से तीन बार करें। और मालिश करने के बाद थोडी देर आराम अवष्य करें। कामधेनु वातानिल तेल, अथवा कामधेनु महानारायण तेल का प्रयोग आप शरीर के प्रत्येक भाग पर कर सकते हैं जहा पर भी आपको दर्द हो रहा हो, ये तेल दर्द के लिए सबसे उपयुक्त हें।
गर्म सिंकाई: जोड़ों के दर्द से बचने का एक अन्य तरीका सिकाई है जो एक प्रभावी घरेलू चिकित्सा है। तौलिये को गर्म करके या एक थैली में गर्म पानी को भर के 20 मिनिट तक की गयी जोड़ों की सिकाई जोड़ों के दर्द में शर्तिया आराम पहुंचाती है।
स्वस्थ आहार: जोड़ों का दर्द में कैल्शियम युक्त स्वस्थ आहार भी बहुत फायदेमंद होता है। कैल्शियम को हड्डियों की मजबूती और विकास के लिए जिम्मेदार माना जाता है। इसकी पूर्ति डेयरी उत्पादों जैसे दूध, दही एवं अंडा आदि के सेवन द्वारा की जा सकती है। अपने भोजन में प्रतिदिन 1000 मि.ग्रा. कैल्शियम लेना आवश्यक होता है । जोड़ों के दर्द की एक वजह कैल्शियम और पोषक तत्वों की कमी भी होती है।

आयुर्वेदिक दवाइयो का सेवन: जब भी हमे दर्द होता है, तो हम पेन किलर लेकर अपना दर्द दूर करने की कोषिष करते है जो बिल्कुल भी सही नही हैं। क्योकि पेन किलर से हमे कुछ देर के लिए राहत तो मिल जाती हैं, किन्तु साथ ही साथ पेन किलर लेने से हमे एसीडीटी की समस्या भी हो जाती हैं, और नियमित रुप से पेन किलर खने वाले वयक्ति की किडनी भी डेमेज हो जाती है, अतः हमे हमेषा जोडो के दर्द के लिए आयुर्वेदिक दवाओ का ही सेवन करना चाहिए, क्योकि ये पुर्ण रुप से सुरक्षित होती हैं, इनसे किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नही होता हैं। आप इसके लिए वातारी चूर्ण, अष्वगंधा चूर्ण, अजमोदादि चूर्ण, महारास्नादी क्वाथ कण, आदि का प्रयोग कर सकते हैं।
वातारी चूर्ण का सेवन: कामधेनु वातारी चूर्ण को आप सुबह षाम दुध के साथ खना खाने के बाद 10 से 20 से ग्राम नियमित रुप से सेवन करें। इसके सेवन से दर्द स्थायी रुप से दूर होता हैं, वातारी चूर्ण श्तावरी, असगंधा, सौंठ, मिश्री, सुरजान, व चोबचीनी से मिलकर बना होता हैं। जो जोडो के दर्द, लकवे का दर्द, बदन दर्द, वायु के दर्द, रींगण वाय के दर्द, साइटिका का दर्द आदि में लाभप्रद हैं।
महारास्नादी क्वाथ कण का सेवन: महारास्नादी क्वाथ कण एक प्रकार का काढा है, जो वात व्याधि, आम वात, कंपरोग, अनाह (अकारा), वातशूल, पक्षाघात, आदि में लाभप्रद हैं। ये एक चाय के चम्मच से दो चम्मच तक आधा कप गर्म पानी में मिलाकर दिन में दो से चार लेना होता हैं।
अजमोदादि चूर्ण का सेवन: यह अजमोद, बच, कूठ, अम्लवेत, सेंधा नमक, श्सज्जीखार, हरड, त्रिकटू, ब्राम्ही दण्डी, मोथा, हुलहुल, सौंठ, कालानमक आदि से मिलकर बना होता हैं। ये आमवात, गृध्रसी, पीठ, कमर, उदरशूल एंव सब प्रकार के शूलों में गुणकारी, एंव पित वायु को शान्त कर शोथ व कफदोष दूर करता हैं! को आप सुबह षाम दुध के साथ खना खाने के बाद 10 से 20 से ग्राम नियमित रुप से सेवन करें।
इसी प्रकार से आप अष्वगंधा चूर्ण, महारास्नादी क्वाथ कण, आदि का प्रयोग भी कर सकते हैं। ये ओषधिया पूणतः सुरक्षित और असरकारक हैं।

ओस्टियोआर्थराइटिस से जूझ रहे मरीजों पर अदरक के प्रयोग से काफी सुधार देखा जा रहा है। अदरक की चाय का सेवन करें या फिर अपने खानपान में अदरक की जड़ या फिर सूखे अदरक के पाउडर को शामिल करने का प्रयास करें। एक कप अदरक की चाय बनाने के लिए अदरक का एक छोटा टुकड़ा काटें और इसे एक कप पानी में रखकर 10 मिनट तक उबाल लें और फिर छान लें। अगर आप इसके स्वाद को मीठा बनाना चाहते हैं तो इसमें थोड़े से शहद का मिश्रण भी किया जा सकता है।