दूसरों को सुनाने के लिए अपनी आवाज ऊँची मत करिए, बल्कि अपना अपना व्यक्तित्व इतना ऊँचा बनाएं की आपको सुनने की लोग मिन्नते करें।
दूसरों को सुनाने के लिए अपनी आवाज ऊँची मत करिए, बल्कि अपना अपना व्यक्तित्व इतना ऊँचा बनाएं की आपको सुनने की लोग मिन्नते करें।