ए-हसीन मेरा गुलाब कबूल कर,
हम तुमसे बेइन्तहा इश्क़ करते हैं,
अब नहीं इस ज़माने की परवाह हमको,
हम अपने इश्क़ का इज़हार करते हैं,
तुम नादानी समझो या शैतानी हमारी,
हम हर घडी तेरा इंतजार करते हैं |
हैप्पी रोज डे
ए-हसीन मेरा गुलाब कबूल कर,
हम तुमसे बेइन्तहा इश्क़ करते हैं,
अब नहीं इस ज़माने की परवाह हमको,
हम अपने इश्क़ का इज़हार करते हैं,
तुम नादानी समझो या शैतानी हमारी,
हम हर घडी तेरा इंतजार करते हैं |
हैप्पी रोज डे