जा वेबफा तेरी नफरत में वो दम कहाँ,
जो मेरे इश्क को मिटा दे,
ये इश्क है कोई खेल का मैदान नही,
जिसे कल खेला और आज रो कर भुला दे।
जा वेबफा तेरी नफरत में वो दम कहाँ,
जो मेरे इश्क को मिटा दे,
ये इश्क है कोई खेल का मैदान नही,
जिसे कल खेला और आज रो कर भुला दे।