Tera shukr

तेरा शुक्र कैसे करूं मेरे बाबा, मैं तो रत्ती भर भी तेरे काबिल नहीं
तेरे प्रेम से जिन्दा हूँ मैं, तेरे सिवा इन लहरों का कोई साहिल नहीं।
।। जय श्री श्याम।।