Shero wali dahaad

शेरो वाली दहाड़ फ़िर सुनाने आए हैं,
आग उगलने को फ़िर परवाने आये हैं।
रास्ता भी छोड़ दिया स्वयं काल ने,
जब देखा उसने “महाकाल” के दीवाने आए हैं।