सर्पों के बीच रहने वाला क़लापी,
दिगम्बर, मशान ही मेरा मूल स्थान हैं
रूद्र, अघोरा मेरे रूप हैं,
मैं प्रलय रूद्र हूँ, मैं महाकाल हूँ।
Sarpo ke beech
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दिगम्बर, मशान ही मेरा मूल स्थान हैं
रूद्र, अघोरा मेरे रूप हैं,
मैं प्रलय रूद्र हूँ, मैं महाकाल हूँ।