ना हम भगवा रंग छोड सकते हैं, ना जीने का ढंग छोड सकते हैं, अरे फितरत से सिरफिरे हैं हम, ना हौसला-ए-दबंग छोड़ सकते हैं,
ना ही हिंदुत्व छोड़ सकते हैं, ताजमहल अगर प्यार की निशानी हैं, तो याद रखना अयोध्या भी तुम्हारे बाप की कहानी हैं।
ना हम भगवा रंग छोड सकते हैं, ना जीने का ढंग छोड सकते हैं, अरे फितरत से सिरफिरे हैं हम, ना हौसला-ए-दबंग छोड़ सकते हैं,
ना ही हिंदुत्व छोड़ सकते हैं, ताजमहल अगर प्यार की निशानी हैं, तो याद रखना अयोध्या भी तुम्हारे बाप की कहानी हैं।