Bulenge wo bulana

भुलेंगें वो भुलाना जिनका काम हैं,
मेरी तो महाकाल के बिना गुजरती नही शाम हैं।
कैसे भूलूँ मैं महाकाल को,
जो मेरी जिदगी का दुसरा नाम हैं।