बड़े शौक से उतरे थे ऐ श्याम तेरे इश्क के समंदर में,
पहली लहर ने ही ऐसा डुबाया की अब तक किनारा ना मिला।।
।। जय श्री श्याम।।
Bade shauk se utre
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बड़े शौक से उतरे थे ऐ श्याम तेरे इश्क के समंदर में,
पहली लहर ने ही ऐसा डुबाया की अब तक किनारा ना मिला।।
।। जय श्री श्याम।।