“ऐसे ना हार के बैठ मंजिल के राही, कभी सुना है शाम सूरज ढलने के बाद फिर से निकला ना हो।”
🙏🏻🌹शुभ प्रभात 🌹🙏🏻
[sc name=”share” id=”105783″ text=”ऐसे ना हार के बैठ मंजिल के राही, कभी सुना है शाम सूरज ढलने के बाद फिर से निकला ना हो। 🙏🏻🌹शुभ प्रभात 🌹🙏🏻”]
“ऐसे ना हार के बैठ मंजिल के राही, कभी सुना है शाम सूरज ढलने के बाद फिर से निकला ना हो।”
🙏🏻🌹शुभ प्रभात 🌹🙏🏻
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