Wo mohabbat bhi uski thi

वो मुहब्बत भी उसकी थी वो नफरत भी उसकी थी,
वो अपनाने और ठुकराने की अदा भी उसकी थी,
मैं अपनी वफा का इन्साफ किस से मांगता,
वो शहर भी उसका था वो अदालत भी उसकी थी !