Wo gaye kaatkar

वो गाय काटकर, खा गए फिर भी अहिंसावादी, गांधीवादी कहलाये,
ओर हम पहली रोटी गाय को खिलाकर, उसे पूजकर भी भगवा-आतंकी कहलाते हैं।