Unke bagair nahi reh sakte

कभी-कभी हमें पता होता है
कि सामने वाला
हमें “धोखा” दे रहा है. . .
फिर भी “हम” कुछ नही कहते,
क्योंकि हम जानते हैं कि
हम उनके “धोखे” के साथ तो जी
सकते हैं, लेकिन उनके “बगैर” नहीं।