थोड़ा सा गरूर भी जरूरी हैं जीने के लिए
ज्यादा झुक के मिलो, तो दुनिया पीठ को पायदान बना देती हैं।
Thoda sa guroor bhi
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ज्यादा झुक के मिलो, तो दुनिया पीठ को पायदान बना देती हैं।