Wo humari hasiyat
वो हमारी हैसियत पूछते हैं, उनकी शख्सियत बिक जाए, इतनी हैसियत हैं हमारी।
Read moreवो हमारी हैसियत पूछते हैं, उनकी शख्सियत बिक जाए, इतनी हैसियत हैं हमारी।
Read moreहम Saini ज़रा हटके हैं, दुश्मनो की हड्डी हड्डी तोड़ देते हैं, पर किसी का दिल नहीं तोड़ते।
Read moreसिर्फ गुलाब देने से अगर मोहब्बत हो जाती तो माली सारे ‘शहर’ का महबूब बन जाता।
Read moreरूठा रूठा सा हैं यु सारा ज़माना, क्युकी हम सैनियों के खून में नहीं सर झुकना।
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