दूर करे भय भक्त का
दूर करे भय भक्त का, दुर्गा माँ का रूप, बल और बुद्धि बढ़ाये, माँ देती सुख की धूप।
Read moreदूर करे भय भक्त का, दुर्गा माँ का रूप, बल और बुद्धि बढ़ाये, माँ देती सुख की धूप।
Read moreमैं तो पत्थर हूँ, मेरी माता शिल्पकार हैं मेरी, हर तारीफ़ के वो ही असली हक़दार हैं..।।
Read moreयूँ ही नहीं झुकती दुनिया तेरे दर पे, तकदीरें बनती हैं मैया तेरे दर पे।।
Read moreसदा भवानी दाहिनी, सन्मुख रहे गणेश पंच देव मिल रक्षा करें ब्रम्हा विष्णु महेश।
Read moreमाता का हाँथ पकड़कर रखिए, लोगों के पाँव पकड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
Read moreहे माँ तू शोक दुःख निवारीनी, सर्व मंगल कारिनी, चंड-मुंड विधारिनी, तू ही शुंभ-निशुंभ सिधारिनी।।
Read moreजय माता दी, जय माता दी, करता जाऊं शाम सवेरे माता तुमने मिटा दिए, मेरे जीवन के सभी अंधेरे..।।
Read moreचारों तरफ जय माता दी जय माता दी छाई हुई हैं फिर ये वृद्धआश्रमों में किसकी “माँ” आई हुई हैं।।
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