Lamba dhaga aur lambi zuban humesha ulajh jaate hai
लंबा धागा और लंबी जुबान हमेशा उलझ जाते हैं.. इसलिए धागे को लपेटकर और जुबान को समेट कर रखें..! शुभरात्रि
Read moreलंबा धागा और लंबी जुबान हमेशा उलझ जाते हैं.. इसलिए धागे को लपेटकर और जुबान को समेट कर रखें..! शुभरात्रि
Read moreजिंदगी कुछ भी दोहराएगी नहीं, जो यादें समझ सको समेट लो..! शुभरात्रि
Read moreकर्मों की आवाज शब्दों से भी ऊंची होती है.. शुभरात्रि
Read moreशाम की शमा में एक तस्वीर नजर आती है, तब है लबों से ये बात निकल आ जाती है, कब...
Read moreउम्र का बढ़ना तो आम बात है, वक्त के साथ तजुर्बे बढ़ना चाहिए... शुभरात्रि
Read moreजो दिल में है अगर वही जुबां पर होगा, तो गुनाह माफ करके खुदा भी मेहरबान होगा..! शुभरात्रि
Read moreमुझे रुला कर सोना..तो तेरी आदत बन गई है, जिस दिन मेरी आँख ना खुली..तुझे निंद से नफरत हो जायेगी।
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