Shaheed Shayari

चीर के बहा दूं लहू दुश्मन के सीने का , यही तो मजा है फौजी होकर जीने
का. जय हिन्द

मिटा दिया है वजूद उनका जो भी इनसे भिड़ा है
देश की रक्षा का संकल्प लिए जो जवान सरहद पर खड़ा है

अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ भुला नहीं सकते
सर कटा सकते है लकिन सर झुका नहीं सकते
जय हिन्द जय भारत