Pyar bhi baba se hai- Sai Poem

प्यार भी बाबा ” से है…
तकरार भी ‘बाबा से है…
आस भी ‘बाबा ‘ से है…
विश्वास भी ‘बाबा’ से है …
रुठना भी ‘बाबा’ से है…
मनाना भी ‘बाबा से है …
बात भी ‘बाबा से है…
मिसाल भी ‘बाबा से है…
दोस्ती भी ‘बाबा से है….
शाम भी ‘बाबा से है …
जिन्दगी की प्यार भी ‘बाबा ‘ से है…
तकरार भी ‘बाबा’ से प्यार भी ‘बाबा से है…

जिन्दगी की शुरुआत भी ‘बाबा से है …
जिन्दगी मे मुलाकात भी ‘बाबा से है …
मौहब्बत भी ‘बाबा ‘ से है…
इनायत भी बाबा’ से है …
काम भी ‘बाबा से है …
नाम भी ‘बाबा से है…
ख्याल भी ‘बाबा से है…
अरमान भी ‘बाबा ‘ से है…
ख्वाब भी ‘बाबा से है…
माहौल भी ‘बाबा ‘ से है…
यादे भी ‘बाबा’ से है…
मुलाकात भी ‘बाबा से है !
सपने भी ‘बाबा से है…
अपने भी ‘बाबा’ से है !
या यूं कहो…..
अपनी तो दुनिया ही बाबा से है !

सबका मालिक एक !! !! ॐ सांई राम !!