Our thinking power

हमारी सोच की शक्ति

एक बार गणेश नाम का एक आदमी कहीं जा रहा था। रास्ते में जंगल पड़ा। वह बहुत थक चुका था इसलिये उसने सोचा कि मै थोड़ी देर किसी पेड़ के नीचे आराम कर लेता हूँ। सामने ही उसे एक बहुत बड़ा पेड़ नजर आया। वह उसके नीचे बैठ गया। तभी उसने सोचा बड़ी जोर से भूख लग रही है कितना अच्छा होता कि मुझे डोमिनियो का पीज़ा खाने को मिल जाये। तभी वहां से एक आदमी अपनी स्कूटी पर पीजा लेकर जा रहा था और उसको पीजा खाने को मिल गया। फिर उसने सोचा काश यहां पर पलंग होते तो कितना अच्छा होता मैं उस पर आराम से सो जाता तभी उसने देखा एक ट्रक आकर उसके पास रुका और उसमें पलंग थे वह ट्रक खराब हो गया था। ट्रक वाला पलंग को वहीं रखकर ट्रक ठीक करवाने चला गया। गणेश पलंग पर आराम से लेट गया तभी उसने सोचा काश मुझे कोल्ड ड्रिंक पीने के लिए मिल जाती। अचानक उसका हाथ तकिए के नीचे गया तो उसने देखा तकिये के नीचे एक कोल्ड ड्रिंक की बोतल पड़ी हुई है वह बहुत खुश हो गया। उसने कोल्ड ड्रिंक पी ली। फिर उसने सोचा मैं जंगल में बिलकुल अकेला यहां आराम से लेटा हुआ हूँ कहीं जंगली जानवर या शेर आ गया और मुझे खा गया तो तभी उसे शेर के दहाड़ने की आवाज आयी तो वह बहुत जोर से डर गया। और शेर ने उसको मार दिया। मरने के बाद वह भगवान के पास पहुँचा। उसने भगवान् से पूछा कि मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ तब भगवान ने उसे बताया कि तुम जिस पेड़ के नीचे बैठे थे वो कल्पवृक्ष था। कल्पवृक्ष एक ऐसा पेड़ है जिसके नीचे बैठ कर कोई भी व्यक्ति जो सोचता है वह सच हो जाता है। इसी कारण तुमने उसके नीचे जो जो भी सोचा वह सच हो गया।

सीख : हर व्यक्ति के अन्दर कल्पवृक्ष है। हमारी सोच ही हमारा कल्पवृक्ष है। हम जैसा सोचते हैं वैसी ही घटनाएं, परिस्थितियां और वातावरण हमारे आस-पास बन जाता है। हमारी सोच में इतनी शक्ति है कि चाहे जितनी भी नकारात्मक परिस्थिति हो हम उसे अपनी सकारात्मक सोच से आसानी से बदल सकते हैं। अपना और दूसरों का जीवन खुशियों से भर सकते हैं।