Mere bhee kaee khwaab the, akl thi, javaab the

[sc name=”download” url=”https://www.lovesove.com/wp-content/uploads/2020/08/Poem-for-dreams-come-true-LoveSove.jpg”]

मेरे भी कई ख्वाब थे
अक्ल थी,जवाब थे
जिंदगी से आस थी !
उमंग था उन्नति का,
कुचल गया जो घात से !!

परिस्थिति का दास हूँ ,
याकि जिंदा लाश हूँ !
सवाल है समाज से,
मौन थे जो रह गए !!
~Harsh Nath Jha

[sc name=”share” id=”112661″ text=”मेरे भी कई ख्वाब थे अक्ल थी,जवाब थे जिंदगी से आस थी ! उमंग था उन्नति का, कुचल गया जो घात से !! परिस्थिति का दास हूँ , याकि जिंदा लाश हूँ ! सवाल है समाज से, मौन थे जो रह गए !!”]