इस दुनिया में बिना स्वार्थ के सिर्फ माता पिता ही प्यार कर सकते हैं।
कोई कहता है अच्छे कर्म करोगे तो मरने के बाद स्वर्ग मिलेगा,
मैं कहता हूँ, माँ बाप की सेवा करोगे तो जीते जी स्वर्ग मिलेगा।
आकाश के देवताओं की पूजा करने से पूर्व अपने माता-पिता की पूजा.
माँ और पिता ऐसे होते हैं, जिनके होने का एहसास कभी नहीं होता
लेकिन ना होने का एहसास बहुत होता हैं।
किसी का दिल तोड़ना आज तक नही आया मुझे,
प्यार करना जो अपने माता-पिता से सीखा हैं मैंने।
वो माता-पिता ही हैं, जिनसे आपने मुस्कुराना सीखा।
मुझे इतनी “फुर्सत” कहाँ कि मैं तकदीर का लिखा देखुँ,
बस अपनी माँ-पिता की ”मुस्कुराहट” देख कर समझ जाता हुँ की “मेरी तकदीर” बुलँद हैं।
जिन मूर्तियों को इंसान बनाते हैं, हम उनकी तो पूजा करते हैं,
पर जिन्होंने हमें बनाया है हम उन माता-पिता की पूजा क्यूँ नहीं करते।
पता नहीं कैसे पत्थर की मूर्ति के लिए जगह बना लेते हैं घर मैं वो लोग,
जिनके घर में माता-पिता के लिए कोई स्थान नहीं होता हैं।
बाप बन्ना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन पिता बन्ना बहुत बड़ी बात है