Katra katra

कतरा कतरा चाहे बह जाये लहू बदन का, कर्ज उतर दूंगा ये वादा आज मैं कर आया,
हँसते-हँसते खेल जाऊंगा प्राण रणभूमि में, ये केसरिया वस्त्र मैं आज धारण कर आया।