कसूर न उसका था न मेरा

कसूर न उसका था न मेरा,

हम दोनों ही रिश्तों की रसम निभाते रहे.

वो दोस्ती का एहसास जताती रही,

हम मोहब्बत को दिल में छुपाते रहे !!