बुराई पर अच्छे की जीत
बुराई पर अच्छे की जीत !दशहरा लता है एक उम्मीद. हैप्पी विजयादशमी।
जैसे राम जी ने रावण को मारा करके लड़ाई, वैसे आप भी मारे अपने अंदर के छुपे बुराई।।
मोहल्ले से दस रावण, और बीस मेघनाथ वापस आ रहे थे, बहुत हसी आयी जब वह बोले की दशहरा जला...
एक रावण की खातिर तूने त्रेतायुग में अवतार लिया, कलयुग में लाखों रावण हैं, कभी ना तूने सार लिया।।
हम भी राम बनें और रखें मर्यादा और मान, सत्य और सत्कर्म से जीत ले सारा जहान।।
शोक से रावण जले, बस इतनी सी शर्त हो, तीली वही लगाए जिसमे राम का अक्स हो।