Hui Jab Beti Ki Vidai

हुई बेटी की विदाई तब जाना क्या होती हे बेटी
बचपन से पला पोसा सब प्यार दिया आज जब वो दूर हुई तो जाना क्या होती हे बेटी
बेटी बलिदान का गर होती हे , जन्म से लेके मोत तक बलिदान देती हे बेटी
बचपन में भाई के लिए अपनी इछाओ की बलि देती हे बेटी
जवानी में अपने प्यार की बलि देती हे बेटी
शादी पे अपने माँ बाप की (छोड़ कर ) बलि देती हे बेटी

लडको के लिए बेटी की बलि देती हे बेटी
परिवार के लिए अपनी खुशियों की बलि देती हे बेटी

क्या कभी मर्दों ने किसी बेटी के लिए बलि दी हे नही तो आप को कोई हक़ नही बनता की उसके सम्मान , विचारो, आदर्शो की बलि ले

हाथ बढाओ बेटी बचाओ……..!