दर्द से छुटकारा पाने के लिए घरेलू नुस्ख़े और असरकारक उपाय…Home remedies and effective remedies for getting rid of pain …

दर्द से निजात पाने के लिए हमेशा पेन किलर दवा खाना ठीक नहीं हैं। पेन किलर दवाओं के स्ट्रिप पर भी लिखा होता है कि इसके ओवरडोज सेहत के लिए नुकसानदेह होते हैं। क्योकि पेन किलर से हमे कुछ देर के लिए राहत तो मिल जाती हैं, किन्तु साथ ही साथ पेन किलर लेने से हमे एसीडीटी की समस्या भी हो जाती हैं, और दर्द निवारक दवाओं के ओवरडोज से लीवर और किडनी पर बुरा असर पड़ता है और अधिक सेवन से लीवर और किडनी खराब हो सकती है।दर्द में ज्यादातर प्रयास करना चाहिए कि हम कुदरती और घरेलू उपाय से ही इसे कम करें। दर्द से निजात के लिए कुदरत में ऐसी नायाब जड़ी-बूटी और औषधियां है जो दर्द को न सिर्फ कम करती है बल्कि जड़ से ही खत्म कर देती हैं।
दर्द के घरेलू इलाज
रात में 60 ग्राम गेंहू के दाने पानी में भिगो दें। सुबह में भीगे हुए गेंहू के साथ 30 ग्राम खसखस तथा 30 ग्राम धनिया मिलाकर बारीक पीस लें। इस चटनी के दूध में पका ले और खीर बना लें। इस खीर को लगातार दो महीने तक खाने से कमर दर्द का नाश हो जाता है।
केवल खसखस औऱ मिश्री को बराबर मात्रा में पीस कर चूर्ण बना लें और इसे रोज खाएं, कमर दर्द गायब हो जाएगी।
कमर दर्द में वातानिल तैल की मालिश भी बहुत लाभदायक होती है।
कमर दर्द और गठिया में नित्य सुबह अखरोट की गिरियों को अच्छी तरह चबाकर खाने से भी काफी लाभ होता है।
बबूल फली पाउडर का सेवन करे , घुटनों का दर्द खत्म हो जाएगा।
सुबह भूखे पेट अखरोट की गिरियां खाएं। दर्द से निजात मिलेगा।
घुटनों का दर्द, जोड़ों का दर्द हड्डियों को घिसने के काण होती है। इसमें विजयसार की लकड़ी के विधिवत इस्तेमाल से काफी आराम मिलता है।
एक कच्चा लहसुन खाली पेट पानी के साथ खाएं, दर्द से निजात मिलेगा।
बथुआ साग के ताजा पत्तों का रस 15 ग्राम प्रतिदिन पीने से गठिया दूर होता है। इस रस में नमक-चीनी आदि कुछ न मिलाएं। सुबह खाली पेट लें और शाम में भी।
बथुआ का साग बना के भी खा सकते हैं और इसके पराठे भी बना कर खा सकते हैं।
नागौरी असगंध की जड और खांड दोनों लगभग बराबर मात्रा में लेकर कूट-पीसकर कपड़े से छान कर बारीक चूर्ण बना लें । इसे सुबह-शाम गर्म दूध के साथ खाएं। गठिये के दर्द से राहत मिलेगी।
कच्चे लहसुन का सेवन करें।
लहसुन की चार कलियां छीलकर तीस ग्राम सरसों के तेल में डाल दें। उसमें थोड़ी अजवायन मिला कर धीमी आंच पर पकाएं।
लहसुन और अजवायन काली पड़ने पर तेल उतार कर थोड़ा ठंढा कर छान लें। इस हल्के गर्म तेल की मालिश से हर प्रकार का बदन दर्द छू-मंतर हो जाता है।
महानारायण तेल की मालिश से वात विकार, नसों का दर्द, पीठ और कमर का दर्द, हिप-शूल, मांसपेशियों का दर्द समेत बदन के
सभी तरह के दर्द से छुटकारा मिल जाता है।
अजवायन का चूर्ण छह भाग और काला नमक (पिसा हुआ) एक भाग लेकर मिला लें। इसमें से दो ग्राम गर्म पानी के साथ लें तो पेट दर्द में तुरंत आराम मिलेगा।
अमृतधारा की दो-तीन बूंदे बताशे या खांड के पानी में डालकर पीने से पेट दर्द खत्म होता है।
दो-तीन चम्मच ठंढे पानी में दो-तीन बूंद अमृतधारा सुबह-शाम भोजन के बाद लेने से दस्त, आंव, मरोड़ और पेचिश के दर्द में आराम मिलता है।
वातारी चूर्ण को खाएं, काफी आराम मिलेगा। इसके सेवन से दर्द स्थायी रुप से दूर होता हैं, वातारी चूर्ण श्तावरी, असगंधा, सौंठ, मिश्री, सुरजान, व चोबचीनी से मिलकर बना होता हैं। जो जोडो के दर्द, लकवे का दर्द, बदन दर्द, वायु के दर्द, रींगण वाय के दर्द, साइटिका का दर्द आदि में लाभप्रद हैं।
फूली फिटकरी दो ग्राम (आधा चम्मच) 250 मिली पानी में डाल कर दिन में दो-तीन बार गरारा करें। इससे गले की सूजन औऱ दर्द दूर होती है। यह संभव नहीं है तो केवल नमक और एख ग्लास गर्म पानी में डाल कर गरारे करने से भी दर्द कम होती है।
200 ग्राम उबलते हुए दूध में आधा चम्मच हल्दी मिला कर दो-तीन बार उबाल दें। इस हल्दी और दूध के गुनगुने मिश्रण को पीने से चोट का दर्द व सूजन कम होती है।
यदि किसी जगह चोट के कारण सूजन हो या दर्द हो तो वहां पिसा हुआ सेंधा नमक या साधारण नमक की पोटली को गर्म कर सेंकने से सूजन और दर्द कम होती है।
जहां चोट लगी है, मोच आई है या सूजन है प्रसारिणी तैल का प्रयोग करे फौरन दर्द ठीक हो जाता है और सूजन भी कम हो जाती है।