Ek insan apni bimaar beti ko bacha nahi paya

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दिल को छू जायेगी ये पोस्ट प्लीज पूरा पढ़ें, एक आदमी की 8 सालकी इकलोती और लाडली बेटी बीमार पड़ गयी.,बहुत कोशिश के बाद भी वो नहीं बच पाई. पिता गहरे शोक में डूब गया और खुदको दुनिया और दोस्तों से दूर कर लिया., एक रात उसे सपना आया की वो स्वर्ग मेंथा जहाँ नन्ही परियो का जुलुस जा रहा था. वो सब जलती मोमबत्ती को हाथ में लिए सफ़ेद पोशाक में थी. उनमे से एकलड़की की मोमबत्ती बुझी थी. व्यक्ति ने पास जाकर देखा तो वो उसकी बेटी थी., उसने अपनी बेटी को दुलारा और पूछा की ‘बेटी तुम्हारी मोमबत्ती रौशनी क्यों नहीं हैं?’, लड़की बोली की ‘पापा ये लोग कई बार मेरी मोमबत्ती जलाते हैं लेकिन आपके आंसुओ से हर बार बुझ जाती हैं.” एक दम से उस आदमी की नीदं खुली और उसे सपने का मतलब समझ आ गया. तब से उसने दोस्तों से मिलना खुश रहना शुरू कर दिया ताकि उसके आंसुओ से उसकी बेटी की मोमबत्ती न बुझे. “कई बार हमारे आंसू और दुःख, हमारे न चाहते हुए भी अपनों को दुःख देते हैं. और वे भी दुखी हो जाते हैं.”दोस्तों अगर इस पोस्ट ने आपके दिल को छुआ हो तो इसे शेयर जरूर करें !