Depression Shayari In Hindi

ज़िंदगी भी तवायफ की तरह होती है,
कभी मजबूरी में नाचती है,कभी मशहूरी में।

अजीब तरह से गुजर गयी मेरी भी ज़िन्दगी, सोचा कुछ, किया कुछ, हुआ
कुछ, मिला कुछ।

मंजिलें मुझे छोड़ गयी रास्तों ने संभाल लिया,
जिंदगी तेरी जरूरत नहीं मुझे हादसों ने पाल लिया।

अच्छे वक्त में तो गैर भी साथ होते हैं। बुरे वक्त में पता चलता
है। कौन किसका है?

अब समझ लेता हूँ मीठे लफ़्ज़ों की कड़वाहट, हो गया है ज़िंदगी का
तजुर्बा थोड़ा थोड़ा।

मुझे ज़िंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं है दोस्तों, पर लोग कहते हैं
यहाँ सादगी से कटती नहीं।