छू जाते हो मुझे कितनी ही बार, ख्वाब बनकर मेरे साईं राम,
ये दुनिया ना जाने फिर फिर क्यों कहती हैं, के तुम मेरे करीब नहीं, मेरे साईं राम।
छू जाते हो मुझे कितनी ही बार, ख्वाब बनकर मेरे साईं राम,
ये दुनिया ना जाने फिर फिर क्यों कहती हैं, के तुम मेरे करीब नहीं, मेरे साईं राम।