Bujhi shama bhi jal sakti hai

बुझी शमा भी जल सकती है,
तूफानों से किश्ती भी निकल सकती है,
हो के मायुस यूँ ना अपने इरादे बदल,
तेरी किश्मत कभी भी बदल सकती है !.
सुभ प्रभात दोस्तों!