भांग से सजी हैं सूरत तेरी, करू कैसे इसका गुणगान,
जब हो जायेगी आँखे मेरी भी लाल तभी दिखेगे महाकाल।
Bhang se sajti hai
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जब हो जायेगी आँखे मेरी भी लाल तभी दिखेगे महाकाल।