Best Hindi Poem On Mother That Will Make Mom Proud

Best Hindi Poem On Mother That Will Make Mom Proud

1.

कितनी प्यारी कितनी अच्छी, माँ तू है कितनी सच्ची।
कितनी प्यारी कितनी अच्छी, माँ तू है कितनी सच्ची।
माँ तेरे उपकारों का कोई मोल नही है,
माँ तेरे प्यार का कोई तोल नही है।
ऐ माँ तेरे पैरो के नीचे जन्नत है,
लेकिन तेरे मुँह पे मेरे लिये ही मन्नत है।
माँ तू हमे हर पल सम्भालती है,
माँ तू हर मुश्किल को टालती है।
माँ तूने हमे उंगली पकड़ कर चलना सिखाया,
जब भी हम गिरे उठाया है तूने,
हर मुश्किल से लड़ना सिखाया है तूने,
माँ का लफ़्ज़ों में कोई बयान नही है,
माँ के जैसा दुनिया मे कोई महान नही है।
कितनी प्यारी कितनी अच्छी,
माँ तू है कितनी सच्ची।
कितनी प्यारी कितनी अच्छी,
माँ तू है कितनी अच्छी।

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2.

आज के जमाने मे जो रिश्ता बोझ बन जाता है,
वही रिश्ता हमारे लिए दिन रात दुआ करता है।
जब बेटा बाहर हो और माँ का फोन आ जाता है,
तब बेटे का चहेरा गुस्से से लाल हो जाता है।
उसी समय उसकी गर्लफ्रैंड का फोन आ जाता है,
उसी समय उसका चहरा फूलो की तरह खिल जाता है।
आज की जनरेशन कहती है,
किसी के हिस्से में घर आया,
किसी के हिस्से में दुकान आयी,
मेरी क्या गलती थी मेरे हिस्से में माँ आयी।


3.

माँ के बारे में मैं जब भी कुछ लिखने बैठता हूँ,
तब मेरी कलम भी अदब से झुक जाया करती है।
इस दुनिया मे माँ के दिल जैसा कोई दिल नही है,
माँ तो अनमोल इसका कोई मोल नही है।
जब मेरी कश्ती डूबती मुझे दिखाई देती,
उस रात सपने में माँ दुआ करती दिखाई देती।
एक अच्छी माँ तो मिल जाती है सबको,
एक अच्छी औलाद हर माँ को नही मिलती।
लोग कहते हैं आज माँ का दिन है,
मैं कहता हूँ कोनसा दिन माँ के बिन है।
माँ के पैरों में जन्नत है, हाँ ये सच है, माँ के पैरों में जन्नत है।
माँ से छोटा कोई हो तो बताएं, माँ से बड़ा कोई हो तो बताएं।
मेरी माँ चार रोटियां बनाती है, चारो रोटी मुझे खिलाती है
और खुद कहती मुझे भूख नही और खुद भूखी सो जाती है।


4.

इस दुनिया मे कोई ऐसी कलम नही जो माँ की महानता बयान कर सके,
इस दुनिया मे कोई ऐसी कलम नही जो माँ की महानता बयान कर सके,
बस उन लम्हो को उन अहसासों को चन्द लब्जो में बयान करना चाहता हूँ,
बस उन लम्हो को उन अहसासों को चन्द लब्जो में बयान करना चाहता हूँ,
जब भी मैं घुटनो पर रेंगता था जब भी मैं घुटनो पेर रेंगता था,
घुटनो पर रेंगते रेंगते चोट मुझे लग जाया करती थी,
तो मुझसे पहले मेरी माँ चिल्लाया करती थी,
तो मुझसे पहले मेरी माँ चिल्लाया करती थी।
मेरे हर सपने हर ख्वाब को उड़ान मेरी माँ ने मुझे दी,
मेरी परछाई को पहचान ऐ मेरी माँ तूने मुझे दी,
ऐ मेरी माँ तूने मुझे दी, ऐ मेरी माँ तूने मुझे दी।
उंगली पकड़ कर मेरी माँ ने आसमान की बुलंदियों तक पहुँचा दिया,
उंगली पकड़ कर मेरी माँ ने आसमान की बुलंदियों तक पहुँचा दिया,
वो मेरी माँ ही थी जिसने मुझे इतना बड़ा बना दिया,
वो मेरी माँ ही थी जिसने मुझे इतना बड़ा बना दिया,
इसलिए मैं कहता हूँ दुनिया मे कोई कलम नही जो माँ की महानता बयान कर सके,
जो माँ की महानता बयान कर सके।