अपनों के लिए चिंता हृदय में

अपनों के लिए.
चिंता हृदय में होती है.
शब्दों में नहीं!

और अपनों के लिए.
गुस्सा शब्दों में होता है
हृदय में नहीं!
🌹🌹सुप्रभात 🌹🌹

[sc name=”share” id=”99772″ text=”अपनों के लिए. चिंता हृदय में होती है. शब्दों में नहीं ! और अपनों के लिए. गुस्सा शब्दों में होता है हृदय में नहीं ! 🌹🌹सुप्रभात 🌹🌹“]