80+ आस माता चौथ विशेज , Aas Mata Vrat Katha In Hindi

Aas Mata Vrat Katha In Hindi Phaalgun Shukl Paksh Ke Pratipada Se Ashtamee Tak Ke Kisee Bhee Ek Tithi Ko Kiya Jaata Hai. Is Vrat Mein Aasaamaee Ka Poojan Karate Hain. Aisa Maana Jaata Hai Ki Jab Tak Hamaare Jeevan Mein Aasha Hai Tab Tak Hamaaree Sabhee Ichchhaayen Pooree Hotee Hai. Aasaamaee Kee Prasannata Se Hamaare Sabhee Kaam Poore Hote Hain. Or Hamen Hamesha Aasaamaee Ko Prasann Rakhana Chaahiye Evam Unaka Saath Kabhee Nahin Chhodana Chaahiye. Yah Vrat Striyon Ke Liye Hain. Is Vrat Ko Karane Vaalee Mahilaayen Gotiyon Vaala Mangalasootr Pahanakar Aasa Maata Ko Bhog Lagaatee Hai Tatha Vahee Bhog Anye Mahilaon Ko Detee Hai. Is Din Keval Meetha Bhojan Hee Karen.

80+ आस माता चौथ विशेज, Aas Mata Vrat Katha In Hindi

सोचा करता था माँ, तेरी कृपा बिना कैसे
जरूरते होंगी पूरी, तेरा आशीर्वाद मिला जो माँ,
तो नही रही कोई हसरत अधूरी.

माँ तेरी चौखट पर
शीश हम झुकाते है,
तेरी रहमत ही है
की हम मुस्कुराते हैं !

सफल होंगे सब काज
माँ रखेगी हमारी लाज
वक़्त आ गया है,
दे दे सपनो को अपने नया आगाज़ !

मेरी माँ को पता है
की मेरे दिल में कौन है बसता,
क्यूंकि उसकी रहमत के बिना
रहता है जन जन तरसता !

आस माता चौथ

ज़िन्दगी का क्या है
हँसते खेलते गुजर जायेगी,
जयकारा लगाते रहो
माँ ने चाहा तो
मोक्ष यह रूह पा जाएगी !

माता तेरे चरणों मे
अर्पण मेरे गीत,
जिसने गाया इनको
उसने पाए अपने मीत !

Aas Mata Ki Kahani

एक आसलिया नाम का व्यक्ति था | वह जुआ खेला करता था | वह हारे या जीते आस माता के नाम ब्रह्म भोज करता था | एक दिन उसकी भाभियों ने कहा तुम हारो या जीतो दोनों में ही ब्रह्म भोज करते हो इतना धन कहाँ से आएगा | भाई भाभीयों ने उसे घर से बाहर निकाल दिया | वह घर से निकल कर शहर चला गया और आस माता की पूजा करने बैठ गया |

आस माता की कृपा से सारे शहर में खबर फैल गई की शहर में एक जुआरी आया हैं तो यह सुनकर वहाँ का राजा आसलिया के साथ जुआ खेलने आया ,और आस माता की कृपा से राजा अपना सारा राज्य हार गया और आसलिया राजा बन गया और राज्य करने लगा | भाइ भाभीयों के घर में अन्न धन की कमी हो गई और अपने परिवार के साथ घर छोड़ आसलिया को ढूंढने लगे | शहर में पहुचने पर उन्होंने सुना की एक आदमी राजा से जुए में जीत गया | तब वह उसे देखने के लिए गये आसलिया ने देखते ही अपने परिवार को पहचान लिया | भाई भाभियों के परिवार के साथ ख़ुशी – ख़ुशी रहने लगे और बहुत हर्षोल्लास से आस माता का उद्यापन कर दिया |

हे आस माता ! जैसा आसलिया को राजा बनाया वैसे सबको देना |