साथ ना छूटे आप से कभी यह दुआ करता हूँ

साथ ना छूटे आप से कभी यह दुआ करता हूँ;

हाथों में सदा आपका हाथ रहे बस यही फरियाद करता हूँ;

हो भी जाये अगर कभी दूरी हमारे दरमियान;

दिल से ना हों जुदा, रब्ब से यही इल्तिजा करता हूँ।

शुभ रात्रि!