HomepageSher-o-ShayariHindi Shayari मौसम को इशारों से बुला क्यों नहीं लेते मौसम को इशारों से बुला क्यों नहीं लेते रूठा है अगर वो तो मना क्यों नहीं लेते तुम जाग रहे हो मुझको अच्छा नहीं लगता चुपके से मेरी नींद चुरा क्यों नहीं लेते दीवाना तुम्हारा कोई गैर नहीं मचला भी तो सीने से लगा क्यों नहीं लेते खत लिखकर कभी और कभी खत को जलाकर तन्हाई को रंगीन बना क्यों नहीं लेते. Next Read: मेरे दिल ने तड़प के जब नाम तेरा पुकारा » Related Post Duniya khushnuma hainfir bhi khud ko Hamesa Yaad Rakhe Ki Har Bade Kaam Ki Choti si zindagi hai har baat mai khush raho