मोहब्बत में उससे दर्द सारे मैं सह गया

मोहब्बत में उससे दर्द सारे मैं सह गया,
खून का हर एक कतरा आंसू बन कर बह गया।
जिनके खातिर दर्द में भी हंसते रहे,
वह हमें खुदगर्ज कितनी आसानी से कह गया।।