HomepageSher-o-ShayariLove Shayari पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ, पंडित भया न कोय । ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय । Related Post मोहब्बत इतनी ख़ामोशी तन्हाई मैं मुस्कुराना भी इश्क़ है Next Read: सौदा कुछ ऐसा किया है » Related Post रिश्तो की दुनिया में अक्सर ऐसा होता है ना जाने कैसा रिश्ता है दुनिया एक तरफ और तू एक तरफ क्योंकि